मधुशाला (१०)
satya
१०)
सुन, कलकल, छलछल मधु-
घट से गिरती प्यालों में हाला,
सुन, रुनझुन, रुनझुन चल
वितरण करती मधु साकीबाला;
बस आ पहुँचे, दूर नहीं कुछ,
चार कदम अब चलना है;
चहक रहे, सुन, पीनेवाले,
महक रही, ले, मधुशाला|